Introduction
इस आर्टिकल में हम समझेंगे की मशीन लर्निंग क्या है (machine learning in Hindi) और ये कैसे पारम्परिक सॉफ्टवेयर से अलग होता है। फिर हम देखेंगे की मशीन लर्निंग के कितने प्रकार होते हैं और उनके क्या उपयोग हैं।
पिछले कुछ वर्षों से मशीन लर्निंग (machine learning) काफी लोकप्रिय विषय बन गया है। Google, Facebook, IBM, NVIDEA जैसी बड़ी कंपनियों ने मशीन लर्निंग की प्रगति में अरबों रुपये का निवेश किया है। आज आम आदमी का दैनिक जीवन मशीन लर्निंग से काफी प्रभावित हो रहा है पर लोगों को इसका एहसास भी नहीं है। YouTube और Amazon पर आपकी पर्सनल रिकमेन्डेशन, Alexa और Google होम जैसे voice assistants, Google Search आदि, सभी मशीन लर्निंग से काम करते हैं।
Gartner की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में मशीन लर्निंग सॉफ्टवेयर का बाजार 62 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। इस वजह से बढ़ी और छोटी कंपनियों के बीच मशीन लर्निंग को लेकर काफी दिलचस्पी बढ़ गयी है। चाहे कंपनी के CEO हो ये मैनेजर हो या सॉफ्टवेयर डेवलपर हो सब समझना चाहते हैं की मशीन लर्निंग क्या है और कैसे वो इसको अपने बढ़ोतरी के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
What is Machine Learning (in Hindi) | मशीन लर्निंग क्या है
मशीन लर्निंग कंप्यूटर साइंस (computer science) और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की एक ब्रांच है जो कम्प्यूटर्स को प्रोग्राम (program) किये बिना सिर्फ डाटा (data) और मशीन लर्निंग अल्गोरिथम (algorithm) के माध्यम से स्मार्ट और इंटेलीजेंट बनाती है।
मशीन लर्निंग से बनाये जाने वाले सॉफ्टवेयर और पुराने पारम्परिक तरीके से बनाये जाने वाले सॉफ्टवेयर में काफी अंतर है। पारम्परिक सॉफ्टवेयर (traditional software) बनाने के लिए डेवलपर (developer) पहले सॉफ्टवेयर के बिज़नेस लॉजिक (business logic) को खुद समझता है और उसको प्रोग्राम करता है। जब सॉफ्टवेयर बनकर तैयार हो जाता है तो उसमें कुछ इनपुट डाला जाता है जिससे अपेक्षा अनुसार रिजल्ट मिलता है।
लेकिन अगर हम मशीन लर्निंग सिस्टम की बात करें तो यहाँ डेवलपर खुद लॉजिक नहीं समझता है और नाही अपने आप वो लॉजिक की प्रोगरामिंग करता है। यहाँ पर बिज़नेस डाटा का इस्तेमाल कर के मशीन लर्निंग के अल्गोरिथ्म्स (Algorithms) से एक मॉडल (model) तैयार किया जाता है। ये मॉडल एक प्रोग्राम जैसा काम करता है जिसका इस्तेमाल आप अपने एप्लीकेशन में कर सकते हैं।
Types of Machine Learning in Hindi | मशीन लर्निंग के प्रकार
मुख्य रूप से मशीन लर्निंग के तीन प्रकार हैं जो निम्नलिखित हैं –
- सुपरवाइज़ लर्निंग (Supervised Learning)
- अनसुपरवाइस लर्निंग (Unsupervised Learning)
- रिइंफोर्स्मेंट लर्निंग (Reinforcement Learning)
Supervised Learning in Hindi | सुपरवाइज़ लर्निंग
सुपरवाइज़ लर्निंग (supervised learning) में ऐसा बिज़नेस डाटा का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें इनपुट डाटा (input data) के साथ उसका आउटपुट (output) भी होता है। इस प्रकार के डाटा कई सालो से जमा किये गए होते हैं। इस डाटा को इस्तेमाल करते एक मशीन लर्निंग मॉडल (machine learning model) को सुपरवाइज़ लर्निंग अल्गोरिथम (algorithm) से ट्रैन किया जाता है। ट्रेनिंग के समय मॉडल ये सीखता है कि किस प्रकार के इनपुट से किस प्रकार का आउटपुट आता है। जो पैटर्न एक इंसान का दिमाग नहीं समझ सकता है वो अंदरूनी पैटर्न मशीन लर्निंग मॉडल ट्रेनिंग के समय सीख जाता है। यदि मॉडल कि सही प्रकार से ट्रेनिंग कि जाती है तो वो नए इनपुट डाटा का सही आउटपुट देने में सक्षम हो जाता है।
Types of Supervised Learning in Hindi | सुपरवाइज़ लर्निंग के प्रकार
सुपरवाइज़ लर्निंग के मुख रूप से निम्नलिखित दो प्रकार होते हैं –
- रिग्रेशन (Regression) – ये सुपरवाइज़ लर्निंग के वो प्रॉब्लम होते हैं जिसमें आउटपुट लेबल एक नंबर (numeric value) होता है जैसे आयु, दाम, आदि।
- क्लासिफिकेशन (Classification) – ये सुपरवाइज़ लर्निंग के वो प्रॉब्लम होते हैं जिसमें आउटपुट लेबल में श्रेणी (category) होती है। जैसे कोई बिमारी है या नहीं है यहाँ पे बिमारी होने की दो श्रेणी है – “है” और “नहीं है” (“True” and “False”)।
Use of Supervised Learning in Hindi | सुपरवाइज़ लर्निंग के उपयोग
सुपरवाइज़ लर्निंग के कुछ ख़ास उपयोग निम्नलिखित है –
- कोई ईमेल स्पैम है या नहीं पता लगाना (Email Spam or Not)
- बैंक ट्रांसक्शन में फ्रॉड है या नहीं (Bank Transaction Fraud Detection)
- बीमारी है या नहीं पता लगाना (Disease Detection)
- फोटो या वीडियो में कौनसी वस्तु है पेहचान करना (Image Classification)
- प्रॉपर्टी के दामों की भविष्यवाणी करना (House Price Prediction)
- कंपनी के प्रॉफिट की भविष्यवाणी करना (Profit Forecasting)
- किसी वास्तु की कितनी बिक्री होगी भविष्यवाणी करना (Sales Forecasting)
Unsupervised Learning in Hindi | अनसुपरवाइस लर्निंग
अनसुपरवाइस लर्निंग उस डाटा के ऊपर इस्तेमाल किया जाता है जिसमें आउटपुट लेबल नहीं होता है। फलस्वरूप इसमें कोई भी ट्रेनिंग की प्रक्रिया नहीं की जाती है। ये दो पहलु सुपरवाइज़ लर्निंग और अनसुपरवाइस लर्निंग के बीच के मुख्य अंतर है। यहाँ पर अनसुपरवाइस लर्निंग अल्गोरिथ्म्स के द्वारा इस डाटा में छुपे हुए पैटर्न को उजागर किया जाता है।
Types of Unsupervised Learning in Hindi | अनसुपरवाइस लर्निंग के प्रकार
अनसुपरवाइस लर्निंग के निम्नलिखित मुख्य प्रकार हैं –
- क्लस्टरिंग (Clustering) – ये अनसुपरवाइस लर्निंग के वो प्रॉब्लम है जहा पर अल्गोरिथम डाटा को कई भागो में अपने आप विभाजित कर देता है। जो डाटा एक भाग में होते हैं उनमें समानताएं होती है जो मशीन लर्निंग अपने आप खोजता है।
- डायमेंशन रिडक्शन (Dimension Reduction) – ये अनसुपरवाइस लर्निंग के वो प्रॉब्लम है जहा पर हाई डायमेंशन डाटा (high dimension data) को लौ डायमेंशन (low dimension) में बदला जाता है। ज्यादातर देखा गया है की हाई डायमेंशन डाटा के साथ काम करने में मुश्किल होती है इसीलिए ये तकनीक का सहारा लेकर डाटा को लौ डायमेंशन में इस प्रकार से बदला जाता है की उसके अंदर की जानकारी बरकरार रहे।
Use of Unsupervised Learning in Hindi | अनसुपरवाइस लर्निंग के उपयोग
अनसुपरवाइस लर्निंग के कुछ ख़ास उपयोग निम्नलिखित है –
- ग्राहकों को समानताओं के आधार पर विभाजित करना (Customer Segmentation)
- टेक्स्ट माइनिंग (Text Mining)
- इमेज प्रोसेसिंग (Image Processing)
- पैटर्न रेकॉग्नीशन (Pattern Recognition)
- अनोमली डिटेक्शन (Anomaly Detection)
- रिकमेन्डेशन सिस्टम (Recommendation System)
Reinforcement Learning in Hindi | रिइंफोर्स्मेंट लर्निंग
रिइंफोर्स्मेंट लर्निंग (reinforcement learning) में एक एजेंट (Agent) होता है जिसे एक वातावरण (environment) और एक लक्ष्य (goal) दिया जाता है। एजेंट को अपने आप उस वातावरण को समझ कर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना होता है। यदि वो अपने लक्ष्य के तरफ बढ़ता है तो उसे हर एक्शन (action) पर इनाम (reward) मिलता है वरना उसको सजा (punishment) दी जाती है। रिइंफोर्स्मेंट लर्निंग अल्गोरिथ्म्स के माध्यम से एजेंट अपने आप वातावरण को समझ जाता है ओर अपने लक्ष्य तक पहुंचने की रणनीति (strategy) बना लेता है।
Use of Reinforcement Learning in Hindi | रिइंफोर्स्मेंट लर्निंग के उपयोग
रिइंफोर्स्मेंट लर्निंग के कुछ ख़ास उपयोग निम्नलिखित है –
- गेम खेलने वाला एजेंट बनाना (Gaming Agent)
- स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाला एजेंट (Stock Market Agent)
- सेल्फ ड्राइविंग कार (Self Driving Car)
- रोबोटिक्स (Robotics)
Conclusion
उम्मीद हैं की आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा जिसमें हमने समझा की मशीन लर्निंग क्या है (machine learning in Hindi)। हमने इसके 3 प्रकार – सुपरवाइज़ लर्निंग, अनसुपरवाइस लर्निंग और रिइंफोर्स्मेंट लर्निंग के बारे में अच्छे से समझा और उसके उपयोगो के बारे में जाना।